धन और जीवन साथ साथ चलते है ।
धन को संचय के चक्कर मे जीवन निकलता रहता है ।।
और जब धन का संचरण हो जाता है ।
तो जीवन आधे से ज्यादे निकल गया होता है ।।
इसलिए धन संचय के साथ साथ ही जीवन को जीना चाहिए
कोई भी व्यक्ति शायद "शून्य" नहीं चाहता जीवन में और ना ही "शून्य" के साथ दिखना चाहता है, जहां "शून्य" की परिभा...
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